महंगाई में नरमी, नीतिगत मोर्चे को राहत

 12 अगस्त 2025

महंगाई के मोर्चे पर ग्रामीण भारत को राहत, कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए  मुद्रास्फीति कम हुई | Good News Relief to rural India on inflation front,  inflation reduced for ...

जुलाई की उपभोक्ता महंगाई मल्टी-ईयर निचले स्तर पर आई—मुख्यतः खाद्य कीमतों में ठहराव और अनुकूल बेस-इफेक्ट की वजह से—जिससे केंद्रीय बैंक को विकास-जोखिमों पर अधिक ध्यान देने की गुंजाइश मिली। नीति-रुख “विथड्रॉअल ऑफ अकॉमोडेशन” ही रहने की संभावना है, पर त्योहारों से पहले तरलता प्रबंधन में नरमी देखी जा सकती है। कम महंगाई टैरिफ-प्रेरित मुद्रा-अस्थिरता के प्रभाव को भी कुछ हद तक संतुलित करती है, जबकि वेतन वृद्धि और ग्रामीण मांग में सुधार उपभोग को सहारा दे सकते हैं। जोखिम—मौसम, कच्चा तेल और सप्लाई बाधाएँ—बरकरार हैं, फिर भी आधार-परिदृश्य लक्ष्य-बंधन के भीतर महंगाई का संकेत देता है। बॉन्ड बाज़ार में उछाल से सरकारी उधारी लागत कम हुई और सड़कों-बंदरगाह-लॉजिस्टिक्स पर पूंजीगत व्यय योजनाओं को समर्थन मिला।

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